(How to remove lice)
जू और लिख निकाले इस नेचुरल तरीके से 100% दिखेगा असर। जूए होना किसी बीमारी का संकेत नहीं है।व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी के कारण भी जुएं पड़ती है। कभी-कभी यह समस्या जटिल बन जाती है। नीम और तुलसी के इस एक सरल उपाय से आप लिक और जूए दोनों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।सर में जू होने के लक्षण ।
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जब सर के बालों चने और रंगने जैसा महसूस होता है तब हमें परेशानी होती है। यह अपने मुंह से शरीर में छेद कर कर खून पीने का काम करती है। जब यह हमें कटती है सर में तब हमारे सिर में खुजली होने लगती है। खुजली होना प्रमुख लक्षण है जू का होना। जू का जीवनकाल 30 दोनों का होता है। इन दिनों में वह अखंड अंडे देती हैं जिसे हम लिख बोलते हैं। यह लिख सफेद कलर के होते हैं जो कि हमारे बालों के ऊपर दिखाई देते हैं।
किन कारण से जूए होती है बालों में।
(Reason for head lice)
जू एक ऐसा परजीवी है जो इंसानी शरीर में ही पनकता है। आमतौर पर यह इंसान के बालों में पाया जाता है। अगर हम अपने सिर के बालों को कई दिनों तक ना धोए तो इसमें जूऐ पढ़ने लग जाती है। जिनके सर में ज्यादा डैंड्रफ रहता है उनमें भी यह जूए बड़ी आसानी से पनपना शुरू कर देती है। जिनके बाल अधिक तेलिय होते हैं और चिपचिपा पन रहता है उनमें भी जुएं पड़ जाती है। अगर किसी के सिर में पहले से ही जुड़े हैं और उसके पास अगर हम अगर किसी के सिर में पहले से ही जुड़े हैं अगर किसी हुए से ग्रस्त व्यक्ति के पास बैठ भी जाते हैं या उनके कपड़े शेयर करते हैं जैसे तोलिया तो भी यह जूए दूसरों के बालों में आ जाती है। यह ज्यादा गाने और लंबे बालों में होती हैं। ज्यादातर यह समस्या छोटे बच्चों में होती हैं जो की स्कूल जाते हैं। अगर उन बालों की स्वच्छता ना हो तो ।
जूए से भी अधिक जटिल होता है लिक निकालना।
(Head lice eggs)
अगर सिर में जूए हैं तो लीक होना तय है। एक जू का आयुकाल पोषक त्वचा के ऊपर 30 दोनों का होता है। इन 30 दिनों के अंदर मादा जू 80 से 90 अंडे देती है। जिन्हें हम लिक कहते हैं। और यह अंडे 9 से 10 दिनों के अंदर जू में परिवर्तन हो जाते हैं। यह प्रक्रिया फिर से होती है इस तरह सिर में लीक ज्यादा मात्रा में इकट्ठा हो जाती है यह लिक कभी-कभी ज्यादा मात्रा में हो जाती हैं और जब चोटी बनाते हैं तो भी यह कुछ साइड में से दिखाई पड़ती है सफेद कलर की। जब हम इसे निकालने की कोशिश करते हैं तो यह पूरी तरह से न निकलने की वजह से यह सर में मौजूद रहती हैं।
यह उपाय हंड्रेड परसेंट देगा लाभ।
(Get rid of lice and its egg)
ज्वेलरी को निकालने के लिए हम कई तरीके अपनाते है। इनमें से कुछ कारगर भी होते हैं। किंतु जूए फिर से पड़ जाती हैं। इसीलिए हम आज ऐसा तरीका बताएंगे जो यह 100% आपको लाभ देगा जो की नीम और तुलसी से करेंगे।जू और लिख निकाले इस नेचुरल तरीके से 100% दिखेगा असर यह तरीका आप ट्राई करके देखें यह बहुत ही सरल है।
इस तरह नीम और तुलसी का पानी बनाएं। (lice eggs in hair)
यह तरीका बहुत ही सरल है। एक कटोरी नीम के पत्ते ले लीजिए। और उससे आधा कटोरी तुलसी के पत्ते चाहे तो आप एक कटोरी पूरे ही तुलसी के पत्ते ले सकते हैं। अब इसे आप तीन लीटर पानी में डाल दीजिए। अब आप इसे गरम कीजिये। ग्राम इतना कीजिए कि इसमें उबाल आ जाए। उबाल इतना आने दे की पत्तियों का रंग पानी में घुल जाए। जितना पानी लिया है उसका आधा हो जाए। इस पानी को छान लीजिये ।अब इस पानी को ठंडा होने के लिए रख दीजिए।
इस पानी का उपयोग इस तरह करे।
सबसे पहले आप अपने बाल जीस शैंपू से धोना चाहते हैं धो लीजिए अच्छी तरह साफ कर लीजिए। जब आप अपने बाल अच्छी तरह धो चुके होंगे । अब आप यह नीम और तुलसी के पानी को अपने बालो में थोड़ा थोड़ा कर के अपने बालो में डाले । यह पानी पूरे बालो में लगने दे। इस पानी से बाल धोने के बाद कोई सिंपल पानी से फिर से न धोए ।बालो में यह पानी युही लगे रेने दे। फिर साफ तौलिए से बाल पोंछ लें । अब आप बालों को सुखा दे । फिर आप छोटी कंगी लेकर अपने बालों में जहां जु और लिख है वहां कंगी करें। कुछ मरी हुई और लिख कंगी में दिखने लगेगी। और इसी तरह जिनकी पकड़ मजबूत थी वह छुटने लगेगी और कुछ जुएं और लिख मर चुकी होगी इसकी वजह से वह कंगी के माध्यम से बाहर निकलने लगेगी। इस रेमेडी को आप दो से तीन बार करके ही आपको फर्क दिखाने लगेगा। थोड़ी कड़वी स्मैल आ सकती है । पर इससे आपको बहुत लाभ होगा।
बचे हुए नीम और तुलसी के पत्तों का भी इस तरह कर सकते हैं उपयोग ।
जब यह पानी तैयार होता है तो नीम और तुलसी के पत्ते बच जाते है। इसका आप पेस्ट बना कर बाल धोने से पेले पूरे बालो में लगा लगा ले 30 मिनट रेने दे लगा कर फिर सिंपल तारीके से शैंपू लगा कर धो ले ।
बालो के लिए भी है फायदेमंद ।
नीम और तुलसी की इस रेमेडी से अपनी स्केल पर होने वाली विभिन्न समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। जैसे डैंड्रफ, सर में फोड़ा फुंसी होना, अकारण चलने वाली खुजली की समस्या। यह सब भी समाप्त होने लगते हैं।
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